रायबरेली- नही थम रहा एनटीपीसी के चिन्मया विद्यालय मामला,,,,,,?

रायबरेली- नही थम रहा एनटीपीसी के चिन्मया विद्यालय मामला,,,,,,?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 
मो-8742935637

ऊंचाहार- रायबरेली- एनटीपीसी के चिन्मया विद्यालय में बीते दिनों हुई घटना तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। तो कुछ आला हकीम अधिकारी मामले में पर्दा डालने में लगे है। उक्त विद्यालय में बीते दिनों आया महिला अश्लीलता का शिकार हो गई तो न्याय पाने के लिए महिला कानून की चौखट पर न्याय लगाने के लिए पहुंचती है। पर अफसोस महिला को हर जगह निराशा ही मिली। अब ऐसे में न्याय न मिलने पर सवाल कही न कही बीजेपी सरकार पर खड़े होते दिख रहे । बीजेपी सरकार खाकी वर्दी वालो को जनता का मसीहा माना था वह धरातल पर कितना खरा उतर रहा है। बता दे की शिक्षा के मंदिर में मौजूद जब प्रशासनिक अधिकारी आया के साथ अश्लील हरकतों पर उतर गए तो दो आया महिला ने आरोप लगाते हुए बताया कि जब विद्यालय में छुट्टी हो जाती और स्टाफ चला जाता तो मौजूद प्रशासनिक अधिकारी उनसे अभद्र भाषा का प्रयोग करते और उनके नाजुक अंगों को स्पर्श करते है। और यौन संबंध बनाने के लिए उन्हें मजबूर करते हुए परेशान करते। जबकि दोनो महिलाओं ने इसकी शिकायत कई बार प्रधानाचार्य व एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों को भी । किंतु आया महिला की किसी ने एक भी न सुनी तो आया महिला न्याय पाने के लिए स्थानीय कोतवाली पहुंची किंतु वहा निराशा ही हाथ लगी।  तो आया  महिलाओ नें पुलिस अधीक्षक को मिलकर आप बीती बताई। तो साहब झट से कार्यवाही के लिए स्थानीय कोतवाली को आदेश तो दे दिया लेकिन कुछ देर बाद मामला  ज्यो का त्यो हो गया और स्थानीय कोतवाली मामले पर पर्दा डालकर बैठ गए।तो एसे मे यह महिला कहा जाये। वही भाजपा सरकार महिलाओ को सशक्तिकरण की बात करती है पर ऊंचाहार के चिन्मय विद्यालय में अपने रसूख वा पैसे के बल पर मामले को रफा-दफा कर दिया कोतवाल से से लेकर पुलिस अधीक्षक तक ने मामले से पल्ला छाड लिया तो अब सवाल यह उठता है यह महिलायें अब न्याय मागने कहा जाये। वही दुसरी ओर मामले में तूल पकड़ रहे मामले में अभिभावक भी  हैरान अभिभावकों का कहना है कि जिस विद्यालय को हम शिक्षा का मंदिर मान रहे थे वह इस स्तर तक गिर सकता है। जहा हमारे बच्चो के भविष्य के साथ विद्यालय स्टाफ खिलवाड़ करता है। और मामले में अभिभावकों ने कहा यदि ऐसे ही चलता रहा तो हम लोग इस विद्यालय में अपने बच्चो को नहीं भेजेंगे। 
अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या प्रशासन द्वारा प्रशासनिक अधिकारी पर कार्यवाही होती है या फिर मामले में पर्दा डाल दिया गया है।