रायबरेली-हर गोपी को मिले अलग अलग कृष्ण , विदर्भ की राजकुमारी से हुआ कृष्ण का विवाह

रायबरेली-हर गोपी को मिले अलग अलग कृष्ण , विदर्भ की राजकुमारी से हुआ कृष्ण का विवाह

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  रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली - भगवान श्रीकृष्ण रासलीला में हर गोपी को अलग अलग कृष्ण मिले , वासना रहित प्रेम में डूबी गोपियां तृप्त हुई । भगवान की लीलाओं ने किसी को भी निराश नहीं किया , हर कोई भगवान में लीन होने को आतुर था , प्रभु ने सभी इच्छा पूर्ण की । ऐसा चरित्र था भगवान श्रीकृष्ण का । यह विचार क्षेत्र के किसुनी का पुरवा गांव में चल रही श्रीमद भागवत कथा में कथावाचक श्री श्री 1008 राजगुरु स्वामी बद्री प्रपन्नाचार्य ने व्यक्त किए । उन्होंने रविवार को रासलीला और रुक्मिणी विवाह का रोचक प्रसंग सुनाया ।
      कथावाचक ने बताया कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण से उन्हें पति रूप में पाने की इच्छा प्रकट की। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों की इस कामना को पूरी करने का वचन दिया। अपने वचन को पूरा करने के लिए भगवान ने महारास का आयोजन किया। इसके लिए शरद पूर्णिमा की रात को यमुना तट पर गोपियों को मिलने के लिए कहा गया। सभी गोपियां सज-धजकर नियत समय पर यमुना तट पर पहुंच गईं। कृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर सभी गोपियां अपनी सुध-बुध खोकर कृष्ण के पास पहुंच गईं। उन सभी गोपियों के मन में कृष्ण के नजदीक जाने, उनसे प्रेम करने का भाव तो जागा, लेकिन यह पूरी तरह वासना रहित था। इसके बाद भगवान ने रास आरंभ किया। माना जाता है कि वृंदावन स्थित निधिवन ही वह स्थान है, जहां श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। यहां भगवान ने एक अद्भुत लीला दिखाई थी, जितनी गोपियां उतने ही श्रीकृष्ण के प्रतिरूप प्रकट हो गए। सभी गोपियों को उनका कृष्ण मिल गया और दिव्य नृत्य व प्रेमानंद शुरू हुआ। रुक्मिणी विवाह का वर्णन करते हुऐ कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सभी राजाओं को हराकर विदर्भ की राजकुमारी रुक्मिणी को द्वारका में लाकर उनका विधिपूर्वक पाणिग्रहण किया। मौके पर आयोजक मंडली की ओर से आकर्षक वेश-भूषा में श्रीकृष्ण व रुक्मिणी विवाह की झांकी प्रस्तुत कर विवाह संस्कार की रस्मों को पूरा किया गया। कथा के साथ-साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया। इस कथा में यजमान लालता प्रसाद मिश्र और उनकी पत्नी शशि प्रभा मिश्रा ने माता रुक्मिणी और भगवान का पाव पूजा । उनके साथ सैकड़ों लोगों ने पपुजी की रस्म में भाग लिया । इस अवसर पर प्रमुख रूप से शिव करन तिवारी , रतिपाल शुक्ल , पारस नाथ पांडेय, जितेंद्र सिंह सेमरा , नीरज मिश्र , राकेश मिश्र , पवन पांडेय आदि मौजूद थे ।