सबके साथ सामान व्यवहार ही योग है

सबके साथ सामान व्यवहार ही योग है

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रिपोर्ट-केशवानन्द शुक्ला

रायबरेली:"श्री दैवी सम्पद मण्डल आश्रम", श्री राधा कृष्ण मंदिर, छोटी बाजार, रायबरेली, के 85वें वार्षिकोत्सव संत सम्मलेन के तृतीय दिवस में "परमार्थ निकेतन", ऋषिकेश से पधारे प.पू. महामण्डलेश्वर श्री १०८ श्री स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज जी ने अपना आशीर्वाद दिया| स्वामी विज्ञानानन्द गिरि जी महाराज, भागवताचार्य, आश्रम, रायबरेली (उ. प्र.) ने कहा कि "समत्व योग उच्चयते" सबके साथ सामान व्यवहार ही योग है स्वामी जी ने आचरण के व्याकरण को भी समझाया| तत्पश्चात उन्नाव जिले से पधारे प्रकांड विद्वान आचार्य पं0 श्री नरेशचन्द्र शास्त्री जी ने कि शरीर से घर, परिवार, समाज और देश की सेवा करते हुए सारे कार्य करते हुये मन को प्रभु के चरणों में लगाये रखना चाहिये, यही जीवन की सार्थकता है, आचार्य जी ने मुनि विश्वामित्र जी की कथा का विस्तार वर्णन किया, तत्पश्चात सुश्री मिथिलेश्वरी दीक्षित जी "मानस कोकिला" उरई जालौन ने विभिन्न उदहारणो के माध्यम से चौपाई - सोइ पावन सोइ सुभग सरीरा, जो तनु पाइ भजिअ रघुबीरा की विस्तृत व्याख्या की| तत्पश्चात श्री अम्बरीश मिश्र जी कथा व्यास, बरेली, स्वामी गंगेश्वरानन्द जी महाराज जी, प.पू. महामण्डलेश्वर श्री १०८ श्री स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज ने अपना आशीर्वाद दिया| 
कथा के समापन में "श्री दैवी सम्पद मण्डल आश्रम", छोटी बाजार, रायबरेली, अध्यक्ष स्वामी ज्योतिर्मयानन्द सरस्वती जी महाराज जी ने सभी संतो का माल्यार्पण और उत्तरीय वस्त्र भेटंकर उनका स्वागत सम्मान किया| कथा में रामराज गिरी जी, गंगा प्रसाद, अनंत श्रीवास्तव, वीरेंद्र गुप्ता जी, पुजारी सौरभ शुक्ल, अनुज शुक्ल, अजय श्रीवास्तव, ओंकारनाथ भार्गव आदि उपस्थित रहे।