मायावती ने BSP कार्यालय पर सभी 75 जिला अध्यक्षों साथ की बैठक, प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी रहे मौजूद

लखनऊ-बीएसपी प्रमुख मायावती ने यूपी स्टेट बीएसपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों व सभी 75 जिलों के पार्टी अध्यक्षों के साथ लखनऊ कार्यालय में विशेष बैठक की. इस बैठक में राज्य के ताजा हालात व राजनीतिक घटनाक्रमों आदि से उत्पन्न स्थिति की गहन समीक्षा हुई. बैठक में मौजूद पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि यूपी में शीघ्र होने वाले निकाय चुनाव से ही पूरे तन, मन धन से कार्यकर्ता जुट जाएं.
मायावती ने कहा कि इस सरकार में शहर सुविधाविहीन हैं, किंतु घोषणाओं व बयानबाजी में शहर को ‘स्मार्ट सिटी कहा जा रहा है. महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि के कारण गाँवों के हालात खराब हैं. इस सरकार में सब कुछ ठेका पर दिया है. ठेका प्रथा के कारण स्थाई नौकरी अब लोगों के लिए दूर का सपना हो गई है.
पूर्व सीएम मायावती ने कहा कि दलित समाज मजबूत चट्टान की तरह बीएसपी पार्टी व मूवमेन्ट के साथ हमेशा खड़ा रहा है. जबकि सपा जैसी पार्टियों के वोट बैंक खिसकते रहे हैं, जिससे ही बीजेपी यहाँ यूपी में भी मजबूत हुई है. इसीलिए बीएसपी विरोधी दुष्प्रचार व हथकण्डों से बचना है. उन्होंने ने कहा कि इसी क्रम में अब यूपी में निकाय चुनाव में खासकर ओबीसी वर्ग के हित, कल्याण तथा इनके आरक्षण, बेरोजगारी तथा खेती संकट आदि को लेकर भाजपा व इनकी सरकार पूरी तरह से कठघरे में है. भाजपा की हालत डाँवाडोल है, वहीं समाजवादी पार्टी भी दलित, अति पिछड़े व मुस्लिम समाज के हित व जानमाल की सुरक्षा के मामले में ढुलमुल नीति व छलावापूर्ण रवैये के कारण पूरी तरह से बैकफुट पर हैं.
मायावती ने कहा कि सपा ने कांशीरामजी के नाम को भुनाने की नई पैतरेबाजी शुरू कर दी है, जबकि सपा का दलितों, अति पिछड़ी जातियों तथा इनके मसीहा बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर, कांशीरामजी के प्रति एहसान फरामोशी की. सपा का राजनीतिक द्वेष एवं जातिवादी विद्वेष का लम्बा इतिहास पूरी तरह से लोगों के सामने है, जिसके लिए उन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता है. साथ ही, भाजपा को हराने के लिए बसपा जरूरी है.



