रायबरेली- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जी जरा इधर भी गौर करिए ....

रायबरेली- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जी जरा इधर भी गौर करिए ....

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रिपोर्ट-सागर तिवारी
मो-8742935637


ऊंचाहार सीएचसी में एक और बड़े घोटाले का पर्दाफाश

कोरोना महामारी के लिए आए सरकारी धन में भी हो गया खेल
सीएचसी अधीक्षक व स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पर पैसे हड़पने का आरोप


लोगों ने की डीएम से शिकायत,डीएम ने सीएमओ को दिए जांच के निर्देश 

ऊंचाहार -रायबरेली- अभी तक स्वास्थ्य विभाग में नित नई खामियों को मीडिया मे पढ़ते आए  हैं लेकिन इस बार सीएचसी अधीक्षक और स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी द्वारा कोविड -19 के कर्मचारियों के लिए आए धन का बंदर बाट करने का ऐसा खुलासा होने जा रहा है जिसे पढ़कर आप दांतो तले उंगली दबाने को जरूर विवश होंगे। ।
फिलहाल पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव से की जा चुकी है जिसपर उन्होंने सीएमओ रायबरेली को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं ।
अभी दो यह सप्ताह रायबरेली में वीवीआईपी लोगों के दौरे का सप्ताह था ,जिसमे राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री और उनके मंत्री तक रायबरेली की धरती पर उतरे और ठीक इसी दौरान कोरोना महामारी के दौरान कर्मचारियों के लिए वांटित धन में खेल करने का मामला भी प्रकाश में आ गया ,हैरत वाली बात तो ये है कि मामला प्रकाश में आने के बाद भी अधिकारियों की सख्ती देखने को नहीं मिली।
कोरोना महामारी में कार्यरत कर्मचारियों के लिए आए धन में ऐसे हुआ खेल

ऊंचाहार । आरोप पत्र के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान आने वाली वैक्सीन को ले आने ले जाने के लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था जिसके लिए शासन द्वारा लगभग 68हजार रुपए प्रति व्यक्ति के खाते में भेजे गए ।
शिकायत कर्ता अशोक कुमार (संवि 0 कर्मचारी) सीएचसी ऊंचाहार ,बृजेश तिवारी मुंडीपुर ने बताया कि कुल चार लोगों के खाते में रुपए भेजे गए थे जिसे सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर मनोज  शुक्ल की सांट गांठ से  स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ने लोगों के खाते में आए धन को जबरन निकलवाकर वापस ले लिए और कहा कि अपनी सैलरी का 24 हजार लेकर बाकी धन वापस कर दो जिसे उच्च अधिकारियों तक भी पहुंचाना है,हालाकि आरोपों में क्या सच्चाई है ये तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा लेकिन मामले में अभी तक कोई कार्यवाही न होना अधिकारियों की कार्यशैली पर बड़ा सवाल है।