रायबरेली-खराब पड़ी पानी की टंकी, शुद्ध पेयजल की एक एक बूंद को तरस रहे ग्रामीण

रायबरेली-खराब पड़ी पानी की टंकी, शुद्ध पेयजल की एक एक बूंद को तरस रहे ग्रामीण

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रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली- गंगा की तलहटी क्षेत्र में बसे पचखरा समेत दर्जनों गांवों को लोगों को दूषित व खारे पानी से निजात दिलाने के लिए सरकार ने साढ़े छह करोड़ रुपए की लागत से पूरे भद्दी गांव के पास पानी की टंकी का निर्माण कराया था। पाइपलाइनें भी बिछाई गई, लेकिन घटिया सामग्री होने के चलते पानी चलने से पहले ही पाइपलाइने ध्वस्त हो गई। पेयजल परियोजना कई सालों से ठप रहने के कारण ग्रामीणों को आज तक स्वच्छ पेयजल नसीब नहीं हो सका। जिसके चलते ग्रामीणों में खासा आक्रोश व्याप्त है।
        क्षेत्र की बीस हजार से अधिक आबादी दूषित जल व खारे पानी की डद समस्या से परेशान है। जिसके चलते लोगों को पीने के पानी के साथ ही भोजन बनाने के लिए पानी की समस्या बनी हुई है। शासन के सर्वे में भी गांव का जल खारा पाया गया था। समस्या को लेकर पूरे बद्दी गांव निवासी रामकरन ओझा, राज नारायण तिवारी, कुलदीप, संदीप, राधेश्याम पाठक, अमृत पाठक तथा पचखरा गांव के राजेंद्र सिंह, गोलू सिंह, अर्जुन दुबे, संतोष सिंह चौहान, देव कुमार आदि ने जल निगम के अधिकारियों समेत जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। इसके बावजूद भी जल निगम का कोई जिम्मेदार अधिकारी उनकी सुध लेने मौके तक नहीं पहुंचा। और पांच वर्ष पूर्व स्थापित पेयजल परियोजना ज्यों की त्यों ठप पड़ी है। जिसके कारण ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की एक बूंद भी नसीब नहीं हो रही है। और ग्रामीण फ्लोराइड युक्त दूषित पानी पीने को मजबूर है। लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी लोगों को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन हर घर नल, हर घर जल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। एसडीएम आशीष कुमार मिश्र ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। जल निगम विभाग को पत्र भेजकर जल्द ही पानी की टंकी संचालित करा लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जाएगा।

इन गांवों को होनी थी जलापूर्ति।
पचखरा, पूरे भद्दी, पूरे बनियन, पूरे भोज, हादीपुर, मकवापुर, महिमापुर, लाला का पुरवा, सावापुर, नेवादा, होरैसा, मदारीपुर, नजन पुर, मुंडी पुर, किरवा हार समेत 16 पुरवों की करीब बीस हजार आबादी को शुद्ध पेयजल की जलापूर्ति की जानी है।