रायबरेली-सरेनी क्षेत्र के रजबहों में धूल उड़ने से किसान परेशान*

रायबरेली-सरेनी क्षेत्र के रजबहों में धूल उड़ने से किसान परेशान*

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री

*किसानों ने की रजबहों से जलापूर्ति शीघ्र शुरू किए जाने की मांग*

*सफाई के नाम पर हर साल खर्च किये जाते हैं करोड़ों रुपये*

सरेनी-रायबरेली-सरेनी क्षेत्र के रजबहों में धूल उड़ने से किसान परेशान हैं!किसानों की रबी की फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है!किसानों ने रजबहों से जलापूर्ति शीघ्र शुरू किए जाने की मांग की है!उल्लेखनीय है कि सरेनी क्षेत्र की उर्वरा भूमि की सिंचाई डलमऊ बी पम्प नहर से की जाती है!इस पम्प नहर से सरेनी,खजूरगांव व भगवन्तनगर रहबहों व इनसे जुड़ी दर्जनों अल्पिकाओं के माध्यम से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचता रहा है!हालात यह हैं कि पिछले दो दशकों से इन रजबहों में पानी नहीं छोड़ा गया!अलबत्ता सिंचाई विभाग के अधिकारी इनकी सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च करते हैं!सफाई के नाम पर भी सिर्फ घास काटी जाती है!नहरों में पानी छोड़े जाने को लेकर इलाके के किसानों ने कई बार धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल भी की,किन्तु कार्यवाही के नाम पर सिर्फ सप्ताह भर के लिए पानी छोड़ा जाता रहा!फिर ढाक के तीन पात ही किसानों के हाथ लगे!इस समय किसानों के खेतों में गेहूं,जौ,चना,मटर की फसलें लहलहा रहीं हैं,किन्तु पानी के अभाव में सूख रही हैं!जिनके पास निजी नलकूप हैं वह तो अपनी फसल की सिंचाई कर लेते हैं किन्तु किराये के पानी व नहर के पानी के भरोसे बुवाई करने वाले किसानों की नींद उड़ी हुई है!नहर के पानी पर आश्रित कई ऐसे गांव हैं कि जो आलू,गन्ना व गेहूं के उत्पादन में अग्रणी रहते थे किन्तु अब सिंचाई के अभाव में इन गांवों के किसान लगातार कर्जदार होते जा रहे हैं!उनकी खेती भी बंजर होती जा रही है!इन गांवों में पहुरी, कहिंजर,देवपुर,रसूलपुर,
रंजीतपुर,मुरारमऊ,नींबी,
भोजपुर,चहोतर,दुधवन,
हमीरगांव,सगरा आदि शामिल हैं!किसानों ने रजबहों में शीघ्र जलापूर्ति शरू किये जाने की मांग की है!