रायबरेली की लाइफ लाइन मानी जाने वाली ITI अपने अस्तित्व के संकट में- राहुल गाँधी

रायबरेली की लाइफ लाइन मानी जाने वाली ITI अपने अस्तित्व के संकट में- राहुल गाँधी

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

हजारों करोड़ के टर्नओवर वाली आईटीआई 20 करोड़ के व्यापार में सिमटी 
-नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल से आईटीआई का सच आया सामने
- आईटीआई में स्थाई रूप से तीन प्रतिशत कर्मचारी ही बचे
- शहर और जिले की लाइफ लाइन मानी जाने वाली आईटीआई अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही है

रायबरेली-शहर और जिले की लाइफ लाइन मानी जाने वाली आईटीआई अब अपने अस्तित्व के संकट से ही जूझ रही है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल से आईटीआई का कड़वा सच सामने आया है।हर साल हजारों करोड़ रुपए के टर्नओवर  वाली इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज की रायबरेली इकाई इस वित्त वर्ष में केवल 20 करोड़ रुपए का ही व्यापार कर पाई है। 51 साल पहले सार्वजनिक क्षेत्र में स्थापित हुई इस फैक्ट्री में अब तीन प्रतिशत ही स्थाई कर्मचारी बचे हैं। फैक्ट्री को केंद्र सरकार से न पर्याप्त आर्डर मिल रहे हैं और न रिवाइवल पैकेज ही मिल रहा है। आईटीआई की रायबरेली इकाई को वित्तीय सहायता के 300 करोड़ रुपए मिलने का आज भी इंतजार है। 
  आईटीआई की इस बदहाली का खुलासा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में पूछे गए सवाल पर सरकार द्वारा दिए गए जवाब से हुआ है। एक समय इस फैक्ट्री में 7000 स्थाई कर्मचारी हुआ करते थे। सांसद राहुल गांधी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने बताया है कि आईटीआई की रायबरेली इकाई में वर्तमान में 322 कर्मचारी ही कार्यरत है। इसमें 173 स्थाई, 68 संविदा कर्मी और 83 अनौपचारिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। 
   नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार से लोकसभा में पूछा कि कर्मचारियों को समय से वेतन प्रदान करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं? के जवाब में सरकार ने बताया है कि कर्मचारियों को समय से वेतन दिलाने के लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। अब तक 4456 करोड़ रुपए की विधि सहायता को मंजूरी दी गई है। विभिन्न बातों में 4157 करोड़ रुपए अवमुक्त किये जा चुके हैं। इस धनराशि का भी आधे से अधिक हिस्सा बकाए और वेतन में खर्च हो गया। सरकार के जवाब से ही सामने आया है कि वित्तीय सहायता के करीब 300 करोड़ रुपए अभी भी बाकी हैं। केंद्र सरकार वित्तीय सहायता की इस धनराशि को रिलीज करने में रुचि नहीं ले रही है। 
इनसेट
1973 में स्थापित हुई थी आईटीआई की रायबरेली यूनिट

 6 अक्तूबर 1973 को अपने प्रधानमंत्रितत्व काल में स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी ने सार्वजनिक क्षेत्र की आईटीआई की रायबरेली इकाई स्थापित कराई थी। प्रारंभ में यहां बेसिक फोन के एक्सचेंज के लिए क्रॉस बार यूनिट का उत्पादन होता था समय बदलने के साथ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सी डॉट का उत्पादन शुरू हुआ इस समय सी और रेलवे के लिए आईटीआई में ओएफसी केबल का उत्पादन हो रहा है। इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज की पालघाट, मनकापुर (गोंडा), रायबरेली, बेंगलुरु, नैनी (प्रयागराज) और जम्मू में स्थापित हैं। 
इनसेट
सोनिया गांधी ने दिलाया था 8000 करोड़ का रिवाइवल पैकेज
यूपीए शासनकाल में संसद के रूप में सोनिया गांधी ने 2009-10 में करीब 8000 करोड़ का रिवाइवल पैकेज आईटीआई की रायबरेली इकाई के लिए उपलब्ध कराया था। इस धनराशि का अधिकतर हिस्सा कर्मचारियों के वेतन और बकाया में ही खर्च हो गया था इसी से फैक्ट्री नई बाजार के हिसाब से अपडेट नहीं हो पाई।