Raibareli-वन माफिया पहले खरीदते हैं खाकी का ईमान,फिर बेखौफ होकर चलाते हैं हरे पेड़ों पर आरा*

Raibareli-वन माफिया पहले खरीदते हैं खाकी का ईमान,फिर बेखौफ होकर चलाते हैं हरे पेड़ों पर आरा*

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रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री

*सरेनी थाना क्षेत्र बना हरियाली के दुश्मनों का मुफीद इलाका*

*यहां सस्ते में बिक जाता है कानून के रखवालों का जमीर,बड़े अफसर भी हो जाते हैं मौन*

*निसगर गांव में हरे नीम के पेड़ को बेखौफ लकड़कट्टों ने काटकर किया जमींदोज,धृतराष्ट्र बने जिम्मेदार*




सरेनी-रायबरेली-सरेनी थाने की पुलिस,वन विभाग के मुलाजिम और हरियाली को तहस-नहस करके खुलेआम नीम का पेड़ काटने का जुर्म कर रहे लकड़कट्टे स्थानीय पर्यावरण और वन्यजीवों के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं!लकड़कट्टों के लिए सरेनी थाना क्षेत्र एक मुफीद जगह साबित हो रही है!यहां पर बड़े सस्ते दामों में कानून के कारिन्दों का ईमान खरीद लेते हैं और बेखौफ जरायम को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं!इस तरह इन बेखौफ लकड़कट्टों को न तो कानून का भय रह जाता है और न ही शासन-प्रशासन का!हैरत में डालने वाली बात यह है कि पर्यावरण और मानवता के लिए खतरनाक हो रहे वन अपराधी सजा-जुर्माना

 भोगने के बावजूद बिना अनुमति हरी लकड़ी काटने का ही काम करते हैं!पुलिस यदि अपनी ईमानदार पुलिसिंग करने लगे तो हरे पेड़ काटने के अपराध पर काबू पाया जा सकता है! जानकारी के मुताबिक सरेनी थाना क्षेत्र के निसगर गांव में मंगलवार को बेखौफ लकड़कट्टे ने एक हरी नीम के पेड़ को काटकर जमींदोज कर दिया और इस बाबत जिम्मेदार धृतराष्ट्र बने रहे!सरेनी के अलावा आसपास थाना क्षेत्र के भी लकड़कट्टे भी सरेनी में सक्रिय दिख रहे हैं!सरेनी आकर पेड़ खरीदने के साथ ही जिम्मेदारों का ईमान भी खरीद लेते हैं और हत्या से भी ज्यादा गंभीर अपराध करके चले जाते हैं!जब कभी मीडिया या अन्य माध्यमों से मामला चर्चित हो जाता है,तब वन विभाग के स्थानीय कर्मचारी लकड़कट्टे पर ऐसा जुर्माना लगाते हैं,जिसमें रसीद कम रकम की काटी जाती है!जबकि जमा कराई जाने वाली रकम करीब दूनी होती है!पुलिस से सवाल पूछा जाता है तो यह वन विभाग की जिम्मेदारी है बताकर पल्ला झाड़ लेती है! लेकिन आश्चर्य तब होता है जब यही पुलिस वाले लकड़कट्टों से पैसा वसूल लिए बिना पेड़ में कुल्हाड़ी नहीं लगाने देते!