रायबरेली-सऊदी अरब ने भारतीय मजदूर की मौत पर दी तत्काल सहायता , भारत में उसके घर पहुंचने में लग गए नौ महीने

रायबरेली-सऊदी अरब ने भारतीय मजदूर की मौत पर दी तत्काल सहायता , भारत में उसके घर पहुंचने में लग गए नौ महीने

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    रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली - विदेश में भारतीय मजदूर की मौत पर सऊदी अरब ने तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध करा दी , किंतु भारत में यह सहायता उसके परिजनों तक पहुंचने ने नौ माह लग गए । इस दौरान मृतक मजदूर की बूढ़ी मां सहायता राशि के लिए अधिकारियों के चौखट पर भटकती रही ।
      क्षेत्र के किशुनदासपुर गए निवासी द्वारिका प्रसाद का बेटा रतन कुमार तीन वर्ष पूर्व रोजी रोटी की तलाश में अरबी देश सऊदी अरब गया हुआ था।जहां वो दमाम रास्ता नूरा रहीमा जुबैल शहर के मेहान ह्यूमन रिसोर्सेज कम्पनी में मजदूरी का कार्य करने लगा। जिसके बाद से वो घर वापस नहीं लौटा। 12 अगस्त 2023 को उसकी मौत हो गई। दूसरे दिन उसके साथियों ने परिजनों को युवक के मौत की सूचना दी,तो परिजन उसके शव घर लाने के लिए बेहाल हो गये थे। तब क्षेत्र के कजियाना गाँव निवासी समाजसेवी नफीस इदरीसी को हुई तो वो पीड़ित परिवार के घर पहुंचे और मदद की प्रक्रिया शुरू कर दी। जिसमें उन्होंने अपने साथ मुंबई की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय समाजसेवी शाहीन सैय्यद की मदद ली।  आख़िरकार 28 अगस्त 2023 सोमवार की सुबह रतन का शव अरब देश सऊदी से हवाई जहाज के माध्यम से लखनऊ हवाई अड्डा पहुंचा, तथा हिंदू रीति रिवाज से गोकर्ण ऋषि घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। रतन द्वारिका प्रसाद एक कंपनी में काम करते थे उनकी मृत्यु एक समान मृत्यु थी और ड्यूटी के समय न होने के कारण इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिल सका, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समाज सेविका शाहीन सैय्यद तथा क्षेत्र के कजियाना निवासी नफीस इदरीसी के अथक प्रयास से दूतावास सऊदी ने अंतिम संस्कार हेतु रतन द्वारिका प्रसाद की माता राधे रानी के नाम 20 अक्टूबर 2023 को
 96 हजार 570 का चेक जारी किया। रायबरेली  डीएम ऑफिस द्वारा  यह पैसा 90 दिनों के भीतर मृतक परिवार को दे दिया जाना चाहिए था । किंतु भारतीय सरकारी कामकाज के सिस्टम में यह धनराशि उलझ कर रह गई । मृतक की माता राधे रानी तथा बड़े भाई रिंकू डीएम ऑफिस के चक्कर काटते रहे और वहां से आश्वासन मिलता रहा कि आप लेखपाल से रिपोर्ट लगवा दो, पैसे आ जाएंगे । काफी लंबी जद्दोजहद के बाद बीते 15 सितंबर 2024 को नौ माह बाद यह पैसा मृतक परिवार को मिला है।