रायबरेली-ऊर्जा और जीवंत उत्साह से लबरेज हैं आज की महिलाएं

रायबरेली-ऊर्जा और जीवंत उत्साह से लबरेज हैं आज की महिलाएं

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   रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली -नगर के  डॉ.अंबेडकर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मे  "नव भारत के निर्माण में महिलाओं की भूमिका'' पर एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कालेज की छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया , और निबंध में नारी शक्ति के शौर्य की गाथा लिखी ।
     इस मौके पर कालेज की प्राचार्य डॉ डॉ अर्चना ने कहा कि 
भारत वर्ष एक सम्पन्न परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों से समृद्ध देश है, जहां महिलाओं का समाज में प्रमुख स्थान रहा है। ग्रामीण परिदृश्य में महिलाओं की बड़ी आबादी है। दुर्भाग्यवश विदेशी शासनकाल में समाज में अनेक कुरीतियां व विकृृतियां पैदा हुई, जिससे महिलाओं को उत्पीड़न हुआ।
 उन्होंने कहा कि आजादी के बाद महिलाओं का समाज में सम्मान बढ़ा, लेकिन उनके सशक्तिकरण की गति दशकों तक धीमी रही। गरीबी व निरक्षरता महिलाओं की प्रगति में गंभीर बाधा रही हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल के माध्यम से महिलाओं को व्यवसाय की ओर प्रोत्साहित कर इन्हे आर्थिक रूप से सुदृढ़ किया जा सकता है। विशेषकर कृषि प्रसंस्करण उद्योगों, बैंकिंग सेवाओं और डिजिटलीकरण की सहायता से महिलाओं के सामाजिक और वित्तीय सशक्तिकरण की शुरुआत की जा सकती है।
भारतीय महिलाएं ऊर्जा से लबरेज, दूरदर्शिता, जीवन्त उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं। भारत के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के शब्दों में, हमारे लिए महिलाएं न केवल घर की रोशनी हैं, बल्कि इस रौशनी की लौ भी हैं। अनादि काल से ही महिलाएं मानवता की प्रेरणा का स्रोत रही हैं। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से लेकर भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले तक, महिलाओं ने बड़े पैमाने पर समाज में बदलाव के बडे़ उदाहरण स्थापित किए है। इस अवसर पर डॉ सुमन मिशन शक्ति (प्रभारी)  ,  डॉ संतोष (सदस्य) , समस्त प्राध्यापक  एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।