रायबरेली-अपनों को खोने की उठती टीस, खामोश जुबां, सुनी गलियों से उठते सवाल,,,,,?

रायबरेली-अपनों को खोने की उठती टीस, खामोश जुबां, सुनी गलियों से उठते सवाल,,,,,?

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     रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार - रायबरेली - हर जुबां खामोश थी, आंखों से बहती जलधारा अंदर के दर्द को बयां कर रही थी । अपनों को खोने की रह रह कर उठती टीस के बीच शनिवार को दो मासूम बच्चियों समेत चार शवों का अंतिम संस्कार हुआ तो हर आंखे सजल हो गई ।  अमेठी के शिवरतनगंज थाना क्षेत्र में हुए शिक्षक परिवार की सामूहिक हत्या ने ऊंचाहार के सुदामापुर गांव की जिंदगी को स्थिर कर दिया है , जैसे समय रुक सा गया है ।
        शुक्रवार की रात पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया ।  सामूहिक हत्याकांड की वजह भी पुलिस ने बता दी , एक प्रकार से पुलिस कार्रवाई की इतिश्री हो गई ,किंतु मृत शिक्षक सुनील कुमार के परिवार पर टूटा गमों का कहर शायद ही जल्द मिट पाएगा । इसे भुलाने में इस परिवार की पीढ़ियां गुजर जाएंगी । परिवार की एक औरत द्वारा उठाए गए एक गलत कदम ने न सिर्फ हंसते खेलते परिवार को खत्म कर दिया अपितु समाज को एक ऐसा संदेश दे दिया , जो आने वाली पीढ़ी के लिए सबक होगा । शनिवार को गांव में निष्तब्धता छाई हुई थी । गांव की गलियों में जहां दो दिन पहले तक बच्चों के खेलने की किलकारियां फिजा में गूंजती थी , वहां आज सन्नाटा पसरा हुआ था । गांव में महिलाओं की झुंड में घटना को लेकर खुसफुहट इस खामोशी को तोड़ती थी , चर्चा में मृत पूनम सभी के निशाने पर थी । दुख, गम, मातम के बीच शनिवार की सुबह जब मृत शिक्षक सुनील कुमार , उसकी पत्नी पूनम , बड़ी बेटी सृष्टि और छोटी बेटी लाडो की अर्थी उठी तो सभी का दिल दहल उठा । गंगा घाट पर सैकड़ों की भीड़ में गम भी था , क्षोभ भी था और गुस्सा भी । लोगों की चर्चा में एक एक करके सभी कठघरे में खड़े हो रहे थे । कोई महिला पूनम पर सवाल कर रहा था , तो कोई पुलिस की लापरवाही पर । अधिकांश लोगों का यही मानना था कि यदि रायबरेली शहर की पुलिस सही समय पर कड़े कदम उठा लेती तो शायद आज ये घटना न होती । चर्चा में आरोपित चंदन की दिवानगी और चाहत ने उठाए गए खौफनाक कदम की  लोग बात कर रहे थे कि एक विवाहित महिला के प्रति ऐसी चाहत और नफरत कि उसके पूरे परिवार को खत्म कर दें , शायद ही कहीं देखने सुनने को मिलेगी ।