रायबरेली-उपनिबंधक कार्यालय में नियमों को ताक पर रखकर सालों पुरानी खतौनी पर भूमि का हो गया बैनामा

रायबरेली-उपनिबंधक कार्यालय में नियमों को ताक पर रखकर सालों पुरानी खतौनी पर भूमि का हो गया बैनामा

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     रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली -जमीन की खरीद फरोख्त में उपनिबंधक कार्यालय में सारे नियम कानून ताक पर रख दिए जाते हैं । निबंधन कार्यालय में रोज नए जाए मामले सामने आ रहे हैं । ताजा मामला बड़ा रोचक है । एक जमीन की पुरानी खतौनी लगाकर दूसरी बार बैनामा हो गया । जबकि इस विक्रय की दाखिल खारिज कम भूमि की हो पाई , क्योंकि मौके पर जमीन का रकवा भी कम था ।
     मामला क्षेत्र के गांव छिपिया का है । गांव की मिथलेश कुमारी ने मिर्जापुर ऐहारी गांव के विंदेश्वरी से एक बीघा , तेरह विश्वा भूमि का बैनामा कुल बीस लाख में लिया था । भूमि विक्रय के समय उप निबंधक कार्यालय में कई साल पुरानी खतौनी प्रस्तुत की गई और सारे नियमों को ताक पर रखकर जमीन का बैनामा कर दिया गया ।मजेदार बात यह रही की बैनामा के समय नियमानुसार  भूमि विक्रेता से उसकी जमीन का रकवा तक नहीं पूछा गया। भूमि विक्रय के बाद इस जमीन की जब दाखिल खारिज कराई गई तो मौके पर मात्रा कुल 14 विश्वा जमीन निकली । जिसका दाखिल खारिज महिला के नाम कर दिया गया। बाद में जब महिला जमीन पर कब्जा करने के लिए पहुंची तो पता चला कि इस जमीन का कुछ साल पहले ही एक दूसरे व्यक्ति के नाम बैनामा हो चुका है,  जमीन पर वह व्यक्ति काबिज भी है ।उसके बाद महिला के कान खड़े हो गए। महिला का कहना है कि भूमि की राशि का तीन लोगों ने अलग-अलग अपने-अपने खाते में पैसा लिया है। अब महिला अपने जमीन पर कब्जा के लिए इधर-उधर भटक रही है। मौके पर इतनी जमीन ही नहीं थी जितनी जमीन का बैनामा किया गया है ।इस प्रकार से सारे नियमों का ताक पर रखकर मनमानी ढंग से उप निबंधन कार्यालय में काम हुआ है। जिसकी परत दर परत पोल खुल रही है। इस मामले में पीड़िता ने उच्च अधिकारियों से भी शिकायत की है।