रायबरेली-डाकघर में नहीं वैकल्पिक ऊर्जा की व्यवस्था , ठप रहता है रोज कामकाज

रायबरेली-डाकघर में नहीं वैकल्पिक ऊर्जा की व्यवस्था , ठप रहता है रोज कामकाज

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  रिपोर्ट-सागर तिवारी

 

ऊंचाहार -रायबरेली -डाकघरों में खातों का रिश्ता अब बंद हो चुका है , केवल कुछ सरकारी चिट्ठियां ही आती है । सरकार के सारे विभाग हाईटेक हो गए किंतु ग्रामीण डाक सेवा की हाल लेने वाला कोई नहीं है । जिससे इन डाकघरों से लोग मुंह मोड रहे है ।
     ऊंचाहार का सबसे पुराना डाकघर इटौरा बुजुर्ग है । भारतीय डाक हाईटेक सुविधाओं का दावा कर रहा है , इस दावे की हकीकत को जानने के लिए आपको इस डाकघर आना होगा । सुदूर ग्रामीण अंचल में स्थित इस डाकघर में विभाग ने कंप्यूटर , ऑनलाइन सेवाओं की सुविधा देकर इसे भी हाईटेक की श्रेणी में घोषित कर दिया है किंतु वैकल्पिक ऊर्जा की कोई व्यवस्था नहीं है । यह डाकघर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित होने के कारण भारी बिजली कटौती का शिकार है । जिसका परिणाम यह है कि यहां तैनात कर्मचारी दिन भर बिजली के इंतजार में बैठे रहते है । बिना पावर सप्लाई के कारण तैनात कर्मचारी बैठकर बिजली आने का इंतजार किया करते हैं। उपभोक्ताओं को पैसा जमा एवं निकासी, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट पैकिंग, भविष्य सम्बंधित बचत खाते, अपडेटेड आधार कार्ड जैसी मूलभूत आवश्यक सुविधाएं देने का कार्य किया जाता है। किंतु बिजली न मिलने के कारण अक्सर कामकाज ठप रहता है । उप पोस्ट मास्टर पुष्पेंद्र सिंह ने बताया है कि उन्होंने अपने विभाग सहित मंडलीय कार्यालय को दो बार पत्राचार किया कि उपडाकघर इटौरा बुजुर्ग में जनरेटर और इन्वर्टर की व्यवस्था नितांत आवश्यक है, इससे दैनिक दिनचर्या का कार्य भी बाधित हो रहा है । किंतु आज तक इसमें कोई प्रगति नहीं हो पाई है ।